भगवद गीता अध्याय 11.8 || अनन्य भक्ति बिना चतुर्भुज रूप दर्शन दुर्लभता || Powerful Bhagavad Gita
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.8 में शलोक 51 से शलोक 55 तक बिना अनन्य भक्तिके चतुर्भुज रूप के …
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.8 में शलोक 51 से शलोक 55 तक बिना अनन्य भक्तिके चतुर्भुज रूप के …
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.7 में शलोक 47 से शलोक 50 तक भगवान द्वारा अपने चतुर्भुज और सौम्य रूप …
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.6 में शलोक 35 से शलोक 46 तक भयभीत हुए अर्जुन द्वारा भगवान की स्तुति …
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.5 में शलोक 32 से शलोक 34 तक भगवान द्वारा अपने प्रभाव का और …
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.4 में शलोक 15 से शलोक 31 तक अर्जुन द्वारा भगवान के विश्वरूप का देखा …
अध्याय ग्यारह (Chapter -11) भगवद गीता अध्याय 11.3 में शलोक 09 से शलोक 14 तक संजय द्वारा धृतराष्ट्र के प्रति विश्वरूप का …
अध्याय ग्यारह (Chapter -10) भगवद गीता अध्याय 11.2 में शलोक 05 से शलोक 08 तक भगवान द्वारा अपने विश्व रूप का वर्णन …
अध्याय ग्यारह (Chapter -10) भगवद गीता अध्याय 11.1 में शलोक 04 से शलोक 04 तक विश्वरूप के दर्शन हेतु अर्जुन की प्रार्थना …