भगवद गीता अध्याय 4.3 || कर्म में अकर्मता-भाव,नैराश्य-सुख,यज्ञ || Powerful Bhagavad Gita
अध्याय चार (Chapter -4) भगवद गीता अध्याय 4.3 ~ में शलोक 19 से शलोक 23 तक कर्म में अकर्मता-भाव, नैराश्य-सुख, यज्ञ …
अध्याय चार (Chapter -4) भगवद गीता अध्याय 4.3 ~ में शलोक 19 से शलोक 23 तक कर्म में अकर्मता-भाव, नैराश्य-सुख, यज्ञ …