मंगलवार के दिन बजरंगबली को प्रसन्न करने के हनुमान चालीसा का जरूर करें पाठ। पूजा के समय उनकी हनुमान जी की आरती उतारना न भूलें । हनुमान जी की आरती का पाठ करने से सभी तरह के डर से मुक्ति मिलती है. आइए पढ़ें बजरंगबली की आरती ….
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्टदलन रघुनाथ कला की ॥ टेक ॥
जाके बल से गिरिवर काँपे ।
रोग – दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाये ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सीयारामजीके काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे ।
आनि सजीवन प्रान उबारे ॥
॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जम – कारे ।
अहिरावन की भुजा उखारे ॥
बायें भुजा असुर दल मारे ।
दहिने भुजा संतजन तारे ॥
॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर नर मुनि आरती उतारें ।
जै जै जै हनुमान उचारे ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमान ( जी ) की आरती गावैं ।
बसि बैकुंठ परमपद पावै ॥
लंका विध्वंस कियो रघुराई ।
तुलसी दास प्रभु कीरति गाई ॥
॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥
इति आरती बजरंग बली की ।
॥ आरती कीजे हनुमान लला की ॥
॥ दुष्टदलन रघुनाथ कला की ॥
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