सरस्वती माता की आरती में मां सरस्वती को मान्यतओं में विद्या की देवी और ब्रह्मा जी की पुत्री बताया गया है। तेज बुद्धि के लिए उनकी पूजा की जाती है।
वसंत पंचमी के दिन ही बुद्धि , ज्ञान और विवेक की जननी माता सरस्वती प्रगट हुई थीं, इस कारण से हर वर्ष उत्साह के साथ देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। वैसे तो कई मौकों पर मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती हैं लेकिन वसंत पंचमी के दिन मां की पूजा विशेष फल देने वाली मानी गई है
सरस्वती माता की आरती
आरती कीजे सरस्वती जी की ,
जननि विद्या बुद्धि भक्ति की ॥ टेक ॥
जाकी कृपा कुमति मिट जाए ,
सुमिरन करत सुमति गति आये ,
शुक सनकादिक जासु गुण गाये
वाणि रुप अनादि शक्ति की ॥
॥ आरती कीजे सरस्वती जी की ॥
नाम जपत भ्रम छुटें हिय के ,
दिव्य दृष्टि शिशु खुलें हिय के ,
मिलहि दर्श पावन सिय पिय के ,
उड़ाई सुरभि युग – युग कीर्ति की ॥
॥ आरती कीजे सरस्वती जी की ॥
रचित जासु बल वेद पुराणा ,
जेते ग्रन्थ रचित जगनाना ।
तालु छन्द स्वर मिश्रित गाना ,
जो आधार कवि यति सति की ॥
॥ आरती कीजे सरस्वती जी की ॥
सरस्वती की वीणा वाणी कला जननि की ॥
॥ आरती कीजे सरस्वती जी की ॥
सरस्वती माता की आरती सूने : -
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