Shrimad Bhagwat Gita Aarti – श्री भागवत गीता आरती
श्री कृष्ण ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को महाभारत के युद्ध से पहले अर्जुन को श्री भगवद्गीता का उपदेश दिया था । इस दिन श्री भगवद्गीता का पढ़ना और आरती सुनने से विशेष फलकारी माना जाता है।
श्रीमद् भागवत गीता आरती पढ़ें …
श्री भगवद् गीता की आरती
जय भगवद् गीते , जय भगवद् गीते ।
हरि-हिय-कमल-विहारिणि ,सुन्दर सुपुनीते ॥
॥ जय भगवद् गीते ॥
जय भगवद् गीते ,जय भगवद् गीते ।
हरि-हिय-कमल-विहारिणि ,सुन्दर सुपुनीते ॥
॥ जय भगवद् गीते ॥
कर्म-सुमर्म-प्रकाशिन ,कामासक्तिहरा ।
तत्त्वज्ञान-विकाशिनि , विद्या ब्रह्म परा ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
निश्चल-भक्ति-विधायिनि , निर्मल मलहारी ।
शरण-सहस्य-प्रदायिनि ,सब विधि सुखकारी ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
राग-द्वेष-विदारिणि , कारिणि मोद सदा ।
भव-भय-हारिणि , तारिणि परमानन्दप्रदा ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
आसुर-भाव-विनाशिनि , नाशिनि तम रजनी ।
दैवी सद् गुणदायिनि , हरि-रसिका सजनी ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
समता, त्याग सिखावनि , हरि-मुख की बानी ।
सकल शास्त्र की स्वामिनी , श्रुतियों की रानी ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
दया-सुधा बरसावनि , मातु! कृपा कीजै ।
हरिपद-प्रेम दान कर , अपनो कर लीजै ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
जय भगवद् गीते , जय भगवद् गीते ।
हरि-हिय-कमल-विहारिणि , सुन्दर सुपुनीते ॥
॥ जय भगवद् गीते॥
आरती श्रीमद् भागवत गीता की सूने : -
श्रीमद् भागवत गीता आरती पढ़ें …
श्रीमद् भागवत गीता आरती || shrimad bhagwat gita aarti easy 1
जय गीता माता , ॐ जय गीता माता।
जो हृदयंगम करता , वाँछित फल पाता
योगेश्वर मुख वाणी , तुम हो कल्याणी ।
जय गीता माता , ॐ जय गीता माता ।।
अर्जुन शोक निवारण , तुम हो प्रख्याता
सुख सुशांति विस्तारिणी , तुम हो दुखहर्त्री ।
जय गीता माता , ॐ जय गीता माता ।।
रजतम तिमिर विनाशक , भक्ति दाता
वेदत्रयी स्वरूपिणी , कलिमल अधहारी।
जय गीता माता , ॐ जय गीता माता ।।
शुभ सन्मार्ग प्रदर्शक , त्रिभुवन विख्याता
आरती मातु तुम्हारी जो सप्रेम गाता ।
सो नर से नारायण , मोहन हो जाता।
जय गीता माता , ॐ जय गीता माता ।।
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